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Showing posts from December, 2021

जिले के 43 पैक्स को नौ राईस मिल में धान जमा करने की मिली स्वीकृति

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  जिले के 43 पैक्स को नौ राईस मिल में धान जमा करने की मिली स्वीकृति 50 हजार एमटी धान की जिले में होगी खरीदारी सहरसा - जिलाधिकारी कौशल कुमार ने जिले के 43 पैक्स अध्यक्ष को नौ राईस मिलों में धान जमा करने की स्वीकृति प्रदान की है। सभी राईस मिलर ससमय चावल तैयार कर सीएमआर में चावलों की आपूर्ति करेगें। 1- एस पी राईस मिल सत्तरकटैया 1. व्यपार मंडल , सत्तरकटैया 2. रकिया पैक्स , सत्तरकटैया 3. कैदली पैक्स , नवहट्टा 4. घोघषम पैक्स , सिमरीबख्तियारपुर 5. पहाड़पुर पैक्स , सिमरीबख्तियारपुर 6. मोहनपुर पैक्स , नवहट्टा 2- आयुष राईस मिल सत्तरकटैया   1. पटोरी पैक्स , सत्तर कटैया 2. बघवा पैक्स , सिमरीबख्तियारपुर 3. सत्तर पैक्स , सत्तरकटैया 4. चंद्रयान पैक्स , नवहट्टा 5. अलानी पैक्स , सलखुआ 6. शाहपुर पैक्स , नवहट्टा 3 - भगवती राईस मिल , सत्तरकटैया 1. विशनपुर पैक्स , सत्तरकटैया 2. बिजलपुर पैक्स , सत्तरकटैया 3. कठदुमर पैक्स , सिमरीबख्तियारपुर 4. गोरदह पैक्स , सलखुआ 5. कबीरा पैक्स , सलखुआ 6. धनपुरा पैक्स , सिमरीबख्तियारपुर 4 - मीना राईस मिल गोरहोघाट , कहरा 1. सोनपुरा पैक्स , सिमरीबख्तियारपुर 2. साहमरखुर्द पैक्स

पीएचडी में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) पास करना अनिवार्य होगा

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  पीएचडी में प्रवेश के लिए नेट पास करना अनिवार्य SAHARSA - पीएचडी में प्रवेश तथा उच्च शिक्षा के तहत प्राध्यापक की नौकरी आसान नहीं रही। यूजीसी की ओर से नए सत्र से पीएचडी में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में जहां पीएचडी में प्रवेश लेना कठिन होगा, वहीं बगैर नेट उत्तीर्ण पीएचडी कर रहे शोधार्थियों के लिए मुश्किलें भी बढ़ेंगी। हालांकि, यूजीसी के इस फैसले से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के आसार जताये जा रहे हैं।  उच्च शिक्षा में किसी भी विषय पर पीएचडी करने के लिए अब तक सिर्फ संबंधित विवि की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी अनिवार्य थी। जिसके बाद विवि प्रबंधन की ओर से सीटों के सापेक्ष काउंसिलिंग के बाद संबंधित शोधार्थी को रिक्त सीट आवंटित की जाती थी। हालांकि नेट और जेआरएफ परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इसका लाभ अधिमान अंकों के तौर पर सिर्फ नौकरी में मिलता था। यही कारण था, कि उच्च शिक्षा में लगातार युवाओं ने पीएचडी में प्रवेश लेना शुरू कर दिया। प्रवेश परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थियों को मेरिट के तहत प्रवेशित कर लिया जाता था। लेकिन एकाएक पीएचडी धा

अब आसानी से खुल पाएंगे निजी कॉलेज

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  अब आसानी से खुल पाएंगे निजी कॉलेज निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पारित, बिहार विधानसभा में निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित पटना -  बिहार विधानसभा में मंगलवार को बिहार निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया है. इस विधेयक में राज्य के नए निजी संस्थानों की बुनियादी ढांचे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मानदंडों में ढील देने का प्रस्ताव है. सदन में विधेयक पेश करते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि इसका उद्देश्य राज्य में निजी विश्वविद्यालयों के कामकाज को जल्द से जल्द सुगम बनाना है. बिहार निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 के पारित होने के साथ निजी विश्वविद्यालयों को अस्थायी स्थानों से कार्य करने की अनुमति दी जाएगी. बशर्ते वे अन्य सभी शर्तों को पूरा करते हों. विधेयक के अनुसार यदि वे इसे दो साल की निर्धारित अवधि के भीतर विकसित करने में असमर्थ हैं. तो उन्हें इसे पूरा करने के लिए और दो साल मिलेंगे. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए कई आवेदन प्राप्त हुए हैं. अब विधानसभा ने संशोधन विधेयक पार

पूर्व विधायक ने डबल इंजन के सरकार का किया पुतला दहन

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  पूर्व विधायक ने डबल इंजन के सरकार का किया पुतला दहन किसानों के साथ सौतेला व्‍यवहार कर रही है डबल इंजन की सरकार : किशोर कुमार सहरसा - रबी फसल के लिए हो रही खाद की किल्लत और कालाबाज़ारी के खिलाफ नवनिर्माण मंच के संस्‍थापक व पूर्व विधायक किशोर कुमार के नेतृत्‍व में सैकड़ों किसानों ने बैजनाथपुर चौक पर सरकार का पुतला दहन किया। इस मौके पर किसानों ने जमकर सरकार और काला बाजारी में लिप्‍त कृषि पदाधिकारी के खिलाफ नारे लगाए। आक्रोशित किसानों ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उनके साथ सौतेला व्‍यवहार कर रही है, जिसे बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। वहीं, किसानों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक किशोर कुमार ने कहा कि जब किसानों को खाद – बीज की किल्‍लत होगी, तो खेती कैसे होगी। एक ओर बेतहाशा महंगाई की मार, दूसरी तरफ सरकार द्वारा खाद – बीज की आपूर्ति में अक्षम्‍यता बेहद चिंताजनक है। उन्‍होंने कहा कि 15 दिनों से ज्‍यादा हो गया है, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्‍यान नहीं है। सरकार फेल हो गई है। इसलिए आज किसान आक्रोशित हो कर सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि सभी दुकानों पर कृषि विभाग द्वारा कोडिनैटर- क