जिंदा इंसान को स्वास्थ विभाग ने कचड़े में फेंका

 जिंदा इंसान को स्वास्थ विभाग ने कचड़े में फेंका

मुभमेंट में नही रहने के कारण ऐसा हुआ - सिविल सर्जन

सहरसा - सुशाशन बाबु की सरकार और इनके लचर व्यवस्था की पोल तब खुल कर बाहर आ जाती है जब जिंदा इंसान को स्वास्थ्य विभाग कचड़े में फेंक देती है और सफेद पोश व्यक्ति राजनीति के आड़ में शराब का कारोबार करते हुए पकड़े जाते हैं। कुछ ऐसा ही मामला कोशी के पीएमसीएच कहे जाने वाले सहरसा सदर अस्पताल में गुरुवार को नजर आया। एक लावारिस बुजुर्ग को जिंदा अवस्था में सहरसा सदर अस्पताल के कर्मियों ने कचड़े में फेंक दिया। जो व्यक्ति कल तक उसी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाजरत था उनको कचड़े में फेंक दिया। अब सवाल उठता है कि क्या मानवता खत्म हो गयी है ? जब सरकार तमाम सुविधा देने का दावा करती है तो सिस्टम ईलाज करने से पीछे कैसे चल रही है।

कहीं ये सरकार की हवा हवाई बातें तो नही की स्वास्थ्य की सभी सुविधा उपलब्ध है। वैसे जब मीडिया ने इस समाचार पर संज्ञान लिया तो अस्पताल प्रशाशन की नींद खुल गयी और बुजुर्ग को आनन फानन में पुनः उठा कर ईलाज करवाने चल दिए। जब इस बात की जानकारी सहरसा सिविल सर्जन को मिली तो वह भी अपना सफाई देने लगे। उन्होंने बताया कि हो सकता है मरीज में थोड़ी देर के लिए मुभमेंट नही था इसलिए ऐसा हुआ।

अवधेष कुमार - सिविल सर्जन - सहरसा

अब सवाल उठता है कि अगर किसी की मौत हो जाय तो उनको कचड़े में फेंक दिया जाएगा। सरकार के अंग यह कह रहे हैं कि मुभमेंट मैं नही रहने के कारण ऐसा हुआ। जबकि अस्पताल में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी गणेश कुमार ने बताया कि उक्त बुजुर्ग का इलाज इमरजेंसी में जारी था। वैसे जब सिविल सर्जन खुद कहते है कि व्यक्ति मुभमेंट में नही होगा इसलिए ऐसा हुआ तो आगे क्या होगा भगवान जाने। बरहाल सिविल सर्जन अवधेश कुमार ने यह भी बताया कि ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी। 

राजीब झा - सहरसा

Comments

  1. अच्छी खबर कोशी मीडिया के लिए। सच में कोशी जॉन न्यूज का टैगलाइन है "हकीकत से रूबरू"....

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