सरकार द्वारा सड़ा हुआ चावल एवं सूंडा लगा गेहूं लाभुकों को मिलेगा मुफ्त

 सरकार द्वारा सड़ा हुआ चावल एवं सूंडा लगा गेहूं लाभुकों को मिलेगा मुफ्त

SAHARSA - सदर एसडीओ कार्यलय से एक पत्र जारी हुआ जिसमें जिक्र किया गया कि प्रभारी आपूर्ति निरीक्षक शहरी क्षेत्र , सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सदर अनुमंडल सहरसा एवं सभी प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सदर अनुमंडल सहरसा द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में प्रत्येक दिन तीन जनवितरण दुकानों का जांच किया जाय एवं रिपोर्ट समर्पित किया जाय कि लाभुकों को मुफ्त खाद्यान्न दिया जा रहा है। लेकिन जनवितरण द्वारा जो खाद्यान्न लाभुकों को दिया जा रहा है वह सड़ा हुआ चावल एवं सूंडा लगा हुआ गेहूं। मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक बीएसएफसी गोदामों से लगभग जनवितरण के दुकान तक इस बार अत्यधिक मात्रा में सड़ा हुआ चावल एवं सूंडा लगा हुआ गेहूं भेजा जा रहा है। जबकि राज्य सरकार एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दुगुनी खाद्यान्न लाभुकों को माह मई 2021मुफ्त मिलना है। जबकि माह जून 2021 में भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना मुफ्त व एक माह का राशि लेकर अभीतक खाद्यान्न देने की सरकार की योजना है। अब सवाल उठता है कि जब सरकार मुफ्त खाद्यान्न दे रही है तो सड़ा हुआ चावल एवं सूंडा लगा हुआ गेहूं दे रही है वह भी अधिकारियों के शतत निगरानी में कहीं कोई इस मुफ्त खाद्यान्न के बदले राशि तो नही ले रहा है। सत्तरकटैया प्रखंड अंतर्गत सत्तर पंचायत के जनवितरण प्रणाली विक्रेता सुखदेव यादव ने बताया कि कोई लाभुक यह चावल नही लेना चाहता है। अधिकारी पॉस मशीन की जांच करते है जिसमें सड़ा हुआ चावल एवं अत्यधिक सूंडा लगा गेहूं चढ़ा रहता है। विभागीय अधिकारियों को यह भी जांच करना चाहिए की लाभुकों को सही खाद्यान्न उपलब्ध हो सके। 

सीएमआर से बीएसएफसी गोदाम जाता है सड़ा हुआ चावल

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक सीएमआर गोदाम में चावलों का स्ट्रोक होता है। लेकिन जब वहां स्ट्रोक होता है तो चावल की गुणवत्ता जांच हेतु वहाँ भी अधिकारी मौजूद होते है। वह अधिकारी जो चावल की गुणवत्ता जांच करते है सूत्रों के अनुसार वह राशि लेकर सड़ा , टूटा , सबसे छोटा दाना सब चावल स्ट्रोक कर लेते है। वही चावल पुनः बीएसएफसी गोदाम भेज दिया जाता है। बीएसएफसी भी सड़ा , टूटा सब खाद्यान्न जनवितरण के दुकानों तक भेज देती है। वैसे जिलाधिकारी कौशल कुमार सभी चीजों का बारीकी से अध्यन करती है तो सभी सीएमआर गोदाम पर कार्यरत क्विल्टी कंट्रोलर को जरूर पूछ सकते है कि आखिड़ इतना सड़ा हुआ खाद्यान्न कैसे गोदाम में रखा गया। वैसे इस बार अत्यधिक खाद्यान्न जनवितरण के दुकानों तक पहुँच भी गया है जिसमें अधिकतर बैकार खाद्यान्न ही जनवितरण को मिला है जो कि लाभुक लेने से इंकार कर रही है। सरकार की मुफ्त खाद्यान्न भी इस कोरोना काल में लोगों को महंगा साबित हो रहा है।

RAJEEV JHA - SAHARSA

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