स्पर्म की गुणवत्ता में गिरावट : पुरुषों में दिखने वाले लक्षणों को लेकर चिकित्सकों ने किया आगाह
स्पर्म की गुणवत्ता में गिरावट : पुरुषों में दिखने वाले लक्षणों को लेकर चिकित्सकों ने किया आगाह
स्वास्थ्य जागरूकता के लिए समय रहते पहचानें ये संकेत
कोशी जोन सहरसा। आधुनिक जीवनशैली, बढ़ता तनाव, असंतुलित खानपान और प्रदूषण के कारण पुरुषों में स्पर्म की गुणवत्ता में गिरावट की समस्या तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति न केवल प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है, बल्कि भविष्य में नपुंसकता का भी कारण बन सकती है। चिकित्सकों ने समय रहते इसके लक्षणों को पहचानने और उचित जांच कराने की सलाह दी है। स्थानीय चिकित्सक बताते हैं कि कमजोर स्पर्म यानी लो स्पर्म काउंट या स्पर्म क्वालिटी में कमी के कई लक्षण होते हैं, जिन्हें सामान्यतः पुरुष नजरअंदाज कर देते हैं। उन्होंने बताया कि यदि पुरुषों में यौन इच्छा में कमी, इरेक्शन में समस्या, थकावट, तनाव, बाल झड़ना, वजन बढ़ना या स्तनों का फूलना जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हों, तो यह स्पर्म की कमजोरी का संकेत हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि लगातार टाइट अंडरवियर पहनना, धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन, मोबाइल-लैपटॉप को गोद में रखकर देर तक काम करना, गर्म पानी से स्नान करना या मोटापा—ये सभी कारण शुक्राणु की संख्या और गति को प्रभावित करते हैं। चिकित्सकों की मानें तो 20 से 40 वर्ष की उम्र के पुरुषों को समय-समय पर स्पर्म क्वालिटी की जांच करानी चाहिए, खासकर तब जब विवाह के बाद एक वर्ष तक गर्भधारण न हो रहा हो। इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्रसारित करने की आवश्यकता बताई जा रही है। समय रहते चिकित्सकीय परामर्श और जीवनशैली में सुधार से इस समस्या को न सिर्फ रोका जा सकता है, बल्कि उपचार से प्रजनन क्षमता को फिर से सामान्य किया जा सकता है।
राजीब झा - पत्रकार सहरसा
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