लघु सिंचाई विभाग बाबुओं के अनदेखी के कारण बदहाल
लघु सिंचाई विभाग बाबुओं के अनदेखी के कारण बदहाल
जर्जर भवन घास , भूसा एवं गोबर रखने के लिए होता है उपयोग
सहरसा - जिले के पंचगछिया सब डिवीजन स्थिति लघु सिंचाई विभाग बाबुओं के अनदेखी के कारण भवन जर्जर और कार्यलय बंद होने के कारण लगभग बंद हो गया है। जानकारी हो कि 1972 के आसपास यह लघु सिंचाई विभाग सरकार द्वारा संचालित हुआ था। उस समय यह डिवीजन अपने बेहतर कार्य के लिए जाना जाता था और यहां चार तरह के कार्यलय का संचालन होता था और सरकार को सिंचाई विभाग से बेहतर राजस्व प्राप्त होता था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस सिंचाई विभाग से सिंचाई , रेभ्न्यु एवं डेनेज का देखरेख होता था। वर्ष 1984 ईस्वी में जब कोशी बांध टूट गया तो यहाँ और अधिक कर्मचारी आ गए और कार्य भी सुचारू से चलने लगा।
जर्जर भवन भी अतिक्रमणकारी के हवाले
सिंचाई विभाग का जब से कार्यलय बंद हुआ तब से स्थानीय लोगों ने वहां के जर्जर भवन को अपने कब्जे में ले लिया है। यही नही उस भवन में आम लोग अपना सारा सामान रखते है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उस भवन के आगे भाग को अब दुकान एवं मंदिर के रूप में लोग प्रयोग में लाना शुरू कर दिया है। जबकि कुछ नशेड़ियों का भी अड्डा के रूप में विकसित होने शुरू हो गया है।
नौ एकड़ में दो एकड़ 07 डिसमिल थाना को सिंचाई विभाग ने दिया जमीन
जिस समय बिहरा थाना स्थापना हुआ उस समय थाना मूल रूप से बिहरा पंचायत में अवस्थित था। कुछ दिनों के बाद थाना को पंचगछिया स्टेट बैंक के समीप बनाया गया एवं अंतोगत्वा लघु सिंचाई विभाग पंचगछिया में स्थायी रूप से स्थापित कर दिया गया। सिंचाई विभाग में वर्ष 1972 से कार्य करने वाले सेवा निवृत्त कर्मचारी राम जनम सिंह ने बताया यह कुल नौ एकड़ में लघु सिंचाई सब डिवीजन था बाद में 02 एकड़ 07 डिसमिल जमीन थाना के नाम दे दिया गया जिसमें अब बिहरा थाना संचालित हो रहा है। उन्होंने बताया कि हम नहर मजदूर के रूप में काम करते थे वर्ष 2013 में सेवा निवृत्त हो गए। पहले यहां चार डिवीजन संचालित होता था जिसमें सहरसा , पंचगछिया , सुपौल एवं राघोपुर शामिल था। हालांकि सब डिवीजन सरप्लस हो गया और किसी डिवीजन को कहीं और शिफ्ट कर दिया गया।
लघु सिंचाई सुचारू रूप से चले तो किसानों को नही होगी दिक्कत
आज पूरे भारत में किसान उग्र रूप से आंदोलन कर रही है और किसान परेशान है। जबकि कोशी प्रमंडल अंतर्गत जितने भी सिंचाई विभाग संचालित है वह पुनः सुचारू रूप से चलने लगे तो किसान को कम से कम समय पर पानी प्राप्त होगा। अगर किसान को समय से पानी मिल जाये तो कोई भी खेती बेहतर तरीके से हो सकता है। हालांकि सबसे पहले इस भवन और कार्यलय को बाबुओं की अनदेखी से जो बंद है उनको चालू करना अनिवार्य है। जिससे किसान ही नही इलाके के लोगों को भी लाभ मिल पायेगा।
राजीब झा - सहरसा
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