कार्यपालक सहायकों के हड़ताल का दरोगा बहाली पर व्यापक असर

 कार्यपालक सहायकों के हड़ताल का दरोगा बहाली पर व्यापक असर


प्रखंड कार्यलय का चक्कर लगा बैरंग वापस हो रहे है दस दिनों से आम आवम

सहरसा -  जिले के विभिन्न कार्यलयों में काम कर रहे कार्यपाक सहायक के लगातार हड़ताल पर चले जाने से दरोगा बहाली पर व्यापक असर पड़ने की संभावना बताई जा रही है। मालूम हो कि लगातार दसवें दिन कार्यपाक सहायकों का हड़ताल जारी है। जबकि दरोगा परीक्षा के पीटी एवं मेंस में पास अभ्यर्थियों का शारीरिक दक्षता परीक्षा एवं कागजी जांच पड़ताल भी किया जाना है। कागजी जांच के दौरान शैक्षणिक प्रमाण पत्र के साथ निवास , जाति , ईडब्लूएस , सहित अन्य प्रमाण पत्र की भी जांच की जानी है। लेकिन कार्यपाक सहायकों के लगातार हड़ताल से इन छात्रों को महज साधारण कागजों को लेकर दरोगा बनने से वंचित रहना पड़ सकता है। दूसरी और सरकार इन कार्यपाक सहायकों की मांग अभी तक पूरी नही की है और कार्यपालक सहायक अपना हड़ताल जारी रखे हुए है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में लगभग प्रत्येक दिन कम से कम इतने प्रमाण पत्र तैयार किया जाता था।

हड़ताल नही रहने पर हजारों लोगों का बन जाता विभिन्न प्रमाण पत्र

क्रमांक    प्रमाण पत्र    संख्या

1.  निवास प्रमाण पत्र -  1000

2.  ईडब्ल्यूएस -            100

3.  जाति -                    1000

4.  राशन कार्ड -            1000

5.   पेंशन -                   500

6.   गोल्डन कार्ड -        500

कुछ इसी तरह के कई कार्य दाखिल खारिज , आपूर्ति , जनवितरण , आईसीडीएस , लोक शिकायत , इंद्रा आवास ,लोक सेवा का अधिकार , लोहिया स्वक्षता आदि कार्यपालक सहायक के हड़ताल पर चले जाने से बाधित है। दस दिनों से लगातार हड़ताल के कारण हजारों व्यक्ति का जिले के सभी प्रखंडों में कार्य बाधित है और प्रत्येक दिन आम आवम ग्रामीण इलाके से कार्यलय पहुँच और उनका चक्कर लगा कर बैरंग वापस लौट रहे है। कार्यपालक सहायक संघ के अध्यक्ष कुंदन कुमार ने बताया कि सरकार इशारे में हम लोगों की बात समझे इसलिए पहले सांकेतिक हड़ताल किये। उनके बाद काला बिल्ला लगाकर चार दिनों तक कार्यलय में काम किये। लेकिन जब इन संकेत को सरकार नही मानी तब जाकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा है। वही संघ के सचिव संजीव कुमार ने बताया कि शशी परिषद की बैठक में जो निर्णय लिया गया वह सरासर गलत है। सरकार के डराने से हम सहायक डरने वाले नही है।वैसे एक बात तय है कि सरकार इन सबों के साथ जो रुख अख्तियार करें लेकिन आम आवम लगातार अपने कार्य हेतु कार्यलय का चक्कर लगा कर परेशान है। वहीं विभिन्न परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र को भी कागजी कमजोरी के कारण अपने नौकरी से वंचित होने का डर सता रहा है। धरना स्थल पर कार्यपालक सहायक संघ के विक्रम कुमार , जटाशंकर कुमार , चंदन कुमार सिंह , पूनम कुमारी , रवि प्रकाश , अरविंद कुमार , मुकेश कुमार , जय कुमार , मीनू कुमारी , प्रेम कुमार प्रियदर्शी , हरिमोहन झा , भास्कर कुमार , अजीत कुमार(विधि) , श्रेया कुमारी , आयुष झा , शालू कुमारी , निशा शेखर , कल्लीमुद्दीन , अनिल कुमार , पंकज कुमार , पप्पू , आशीष कुमार खाँ , सुदर्शन कुमार , अशोक कुमार , नीरज कुमार , गोपाल झा , नवीन कुमार , विजय भूषण ,सहित सैकड़ो कार्यपालक सहायक मौजूद थे।

राजीब झा - सहरसा

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